चाहे कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो, लेकिन जब मुसीबत का समय आता तो हर व्यक्ति कुछ समय में लिए परेशान ज़रूर हो जाता है। नीति एवं शास्त्र के ज्ञानी पंडित भी इस बात को स्वीकार करते हुए कहते है कि जब व्यक्ति इन चार तरह के दुखों से गुजर रहा होता है तब बड़ी दयनीय स्थिति हो जाती है लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति ऐसी मुसीबतों को रास्ते का कंकड समझकर आगे बढ़ जाते है।
महाभारत काल में एक बड़े ज्ञानी पुरुष विदुर जी हुए जो हस्तिनापुर के मंत्री पद की भूमिका निभाते थे शास्त्र विदुर जी को यमराज का अवतार बताते है और उनके द्वारा बताई गयी नीतियाँ काफी प्रचलित भी है।
विदुर जी के अनुसार जब किसी व्यक्ति का दुश्मन उससे भी अधिक बलवान हो जाए, तब व्यक्ति को नींद तक नहीं आती ऐसे में व्यक्ति निराश हो जाता है।जो व्यक्ति पूरा जीवन अपने बच्चों और परिवार के भरण पोषण के लिए जी जान से मेहनत करे लेकिन बुढ़ापे के समय में उसी के बच्चे जब उसका साथ छोड़ दें, तो व्यक्ति पूरी तरह से निराश हो जाता है।
जिस पिता का पुत्र उसकी बातों का अपमान करें, तो उस व्यक्ति के लिए दूसरों से मिला सम्मान किसी काम का नहीं, यह स्थिति व्यक्ति को दुखी कर देती है।
संसार का सबसे बड़ा दुःख ग़रीबी नहीं बल्कि, धनवान होने के बाद भी व्यक्ति को संतुष्टि का अनुभव ना मिले तो वह धन किसी काम की नहीं, ऐसे व्यक्ति सदा निराश रहते है।
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