देवी-देवताओ में भगवान श्री राम मर्यादा पुरषोत्तम के रूप में जाने जाते है वे अपने जीवन काल दौरान मर्यादा में रह कर राज्य पाठ का काम सँभालते थे वही माता सीता ने भी अपना पत्नीव्रता धर्म निभाया ! लेकिन क्या आप जानते है, माता सीता को अपने पास होते हुई भी उन्हें स्पर्श करने की रावण की हिम्मत न थी इतना आलीशान सोने का महल होने के बाद भी रावण सीता जी वाटिका में क्यों रखता था ? इसके पीछे एक बहुत बड़ा भेद है!
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दरसअल रावण को एक पाप का श्राप मिला था एक बार जब रावण विश्व विजय के अभियान से स्वर्ग में जाता है वह उसे अप्सरा रम्भा दिखती है, जिसपर रावण मोहित हो जाता है तब रम्भा उसे बताती है की वो रावण के भाई के पुत्र नलकुबेर की होनेवाली पत्नी है ! यह कहने के बावजूद रावण दुर्व्यवहार करना नहीं छोड़ता तब नलकुबेर रावण को श्राप देता है की - रावण जिस भी स्त्री को उसकी अनुमति बगैर स्पर्श करेगा अथवा अपने महल में रखेगा तो वह भस्म हो जायेगा !
इसी डर के कारण कभी किसी स्त्री को अनुमति बिना स्पर्श नहीं करता था और न ही उन्हें अपने महल के भीतर रखता था ! दोस्तों रोज ऐसे अदभुत रहस्य पढ़ने के लिए नीचे दिया फॉलो बटन दबाकर हमे फॉलो जरूर करे !
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