क्या आप जानते है हनुमान के भक्तों को कभी शनि दोष नहीं लगता क्योंकि इसके पीछे शनि देव, हनुमान और रावण की कथा ग्रंथो में मिलती है जिसके अनुसार जो भक्त हनुमान की भक्ति करते है उनको शनि की पीड़ा नहीं सहनी पड़ती है। अगर आप सोच रहे है कि ऐसा क्यों हुआ तो यह प्रचलीत कथा जरूर पढ़िए और यदि आपको जानकारी पसंद आये तो सभी के साथ शेयर जरूर करना।
एक समय रावण ने सभी ग्रहो को अपने अनुसार कर दिया था क्योंकि रावण का उद्देश्य राज करना था इसलिए उसको ऐसे पुत्र चाहिए जो उसके बाद भी पूरी दुनिया को अपने अनुसार चला सके और ऐसे योग बनाने के लिए रावण ने सभी ग्रहों को बंदी बना लिया था जिससे दोषमुक्त पुत्र प्राप्त हो सके लेकिन हनुमान ने ऐसा होने नहीं दिया।
रावण ने ग्रहों के दाता मारक ग्रह शनि को बंदी बना लिया था और चारों और शिवलिंग इस तरह से रख दी जिससे शनि कैद ने बहार न जा सके। तब हनुमान ने शनिदेव को अपने ऊपर बैठा कर आज़ाद करवाया था जिससे शनिदेव हनुमान पर प्रसन्न होकर वरदान मांगने को कहने लगे तब बजरंगबली ने कहा कि आप मेरे भक्तों को आपके प्रकोप से दूर रखना इसलिए जो हनुमान की भक्ति करता है वह शनि दोष से भी मुक्त होता है।
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