सभी धर्मो की अलग अलग परम्परा होती है ठीक वैसे ही मुस्लिम धर्म में ईद के दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है जिसके पीछे एक कारण छुपा हुआ है ईद-उल-जुहा दुनिया भर में मुस्लिम धर्म द्वारा निभाया जाने वाला त्यौहार है जिसको बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है इसको बकरीद के नाम से जाना जाता है।
क्यों मनाया जाता है बकरीद का त्यौहार?
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कई जगहों पर ईद के दिन सिर्फ बकरे की नहीं बल्कि ऊंट की कुर्बानी दी जाती है लेकिन क्या आप जानते है कि ऐसे उत्सव के समय बेगुनाह जानवरों की कुर्बानी क्यों दी जाती है? क्योंकि एक बार इब्राहिम अलैय सलाम व्यक्ति थे जिनको सपने में अल्लाह ने हुकुम फ़रमाया कि वे अपने प्यारे बेटे इस्माइल को अल्लाह की राह में कुर्बान कर दे। इब्राहिम अलैय सलाम सोच में पड़ गए क्योंकि एक तरफ उनका बेटा था और दूसरी तरफ अल्लाह का हुकुम। अब अल्लाह के हुकुम को ठुकराना धर्म की तौहीन करना था इसलिए उन्होंने अल्लाह के हुकुम को सही समझा और बेटे की कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गए।
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लेकिन अल्लाह भी अपने बंदे के दिल को अच्छे से जानते थे इसलिए जैसे ही वे अपने बेटे की कुर्बानी देने लगे वैसे ही अल्लाह के फ़रिश्ते सरदार जिब्रील अमीन ने बेटे को हटाकर मेमने को रख दिया जिससे इब्राहिम अलैय सलाम के हाथों से बकरे की पहली कुर्बानी हुई और जिब्रील अमीन ने खुशखबरी सुनाई कि अल्लाह ने उनकी कुर्बानी को कबूल कर दिया है तभी से मुस्लिम लोग बकरीद को धूम-धाम से मनाते है।
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